
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से शेयर बाजार निवेशकों को बड़ा नुकसान हो गया है। आंकड़ों को देखें तो निवेशकों को 5 मिनट में 19 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा
Sensex opens 3,380 points lower at 71,985; currently trading at 72,179
शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। निवेशकों को समझ में नहीं आ रहा कि वो क्या करें? वजह आज लॉर्ज कैप स्टॉक ऐसे टूटे जैसे वो मिड कैप या स्मॉल कैप हो। रिलायंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, इंफोसिस, एचसीएल टेक जैसे सरीखें स्टॉक 10% तक टूट गए हैं। झटके में निवेशकों के 19 लाख करोड़ डूब गए। आखिर, क्या वजह है कि कोविड के बाद बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई है? क्या यह गिरावट अब थमेगी या बाजार में अभी और गिरावट बाकी है। अगर आप निवेशक हैं तो इन सवालों के जवाब जरूर ढूंढ रहे होंगे। आइए जानते हैं कि बाजार की गिरावट की 5 प्रमुख वजह। साथ ही आगे क्या होगा?
वैश्विक स्तर पर बिकवाली
ट्रंफ के टैरिफ टेरर से दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली आई है। ट्रंप प्रशासन ने अपने टैरिफ (शुल्क) योजनाओं से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। इसका असर आज भारतीय बाजार पर भी हुआ है।
बाजार में मंदी की चिंता बढ़ी
ट्रंप प्रशासन ने 180 से अधिक देशों पर लगाए गए व्यापक टैरिफ को लेकर सख्त रुख अपनाया है। इससे बाजार में अस्थिरता और चिंता बढ़ गई है, और त्वरित बातचीत से किसी अनुकूल नतीजे की उम्मीदों को झटका लगा है। इससे अमेरिका सहित दुनियाभर के देशों में मंदी का खतरा बढ़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय बाजारों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
महंगाई बढ़ने का खतरा
मार्केट एक्सपर्ट का मनना है कि ट्रंप के टैरिफ से दुनियाभर में महंगाई बढ़ेंगे जिससे, कॉरपोरेट मुनाफे को कम करेंगे। इससे कंपनियों की कमाई घटेगी। इतना ही नहीं, ये उपभोक्ताओं की भावना पर नकारात्मक असर डालेंगे और आर्थिक विकास पर बोझ बनेंगे।
विदेशी निवेशकों ने फिर बिकवाली शुरू की
पिछले महीने खरीदार बनने के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) अप्रैल में एक बार फिर भारतीय शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी है। इस महीने अब तक (शुक्रवार तक) एफपीआई ने कैश सेगमेंट में ₹13,730 करोड़ मूल्य के भारतीय शेयर बेच डाले हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ट्रंप टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाता है। इससे भी बाजार में गिरावट बढ़ी है।
क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्ट?
शेयर मार्केट एक्सपर्ट सिद्धार्थ कुंआवाला ने कहा कि मार्केट की स्थिति को सुधरने में वक्त लगेगा क्योंकि टैरिफ के बादल भारतीय बाजारों पर छाए हुए हैं। अगर निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो यह इनवेस्टमेन्ट का सही समय। ट्रंप टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर देखने को मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट, अयोध्या प्रसाद शुक्ला ने कहा कि भारतीय बाजार को सेटल होने के लिए 2 से तीन महीने का वक्त लग सकता है। अमेरिका के टैरिफ का सभी सेक्टर पर असर देखने को मिलेगा।