नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने प्रान्तीयकरण से पूर्व की गई सेवाओं को जोड़ते हुए मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एसीपी व वरिष्ठता के लाभ देने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं। मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के सदस्य नवीन किरौला, दीवान सिंह ऐठानी व कैलाश पाठक सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका में कहा गया है कि वे पूर्व में अशासकीय विद्यालयों में विभिन्न पदों पर कार्यरत थे। वर्तमान में सरकार ने उनके विद्यालयों का प्रान्तीयकरण कर दिया है। लेकिन अब सरकार उनको पूर्व में की गयी सेवाओं का लाभ नहीं दे रही है। न ही वरिष्ठता का लाभ दे रही है। कर्मचारियों ने इन दो बिंदुओं को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि उनको पूर्व में कई गयी सेवाओं लाभ व वरिष्ठता का लाभ दिलाया जाये। याचिकर्ताओं के अधिवक्ता ललित सामंत का कहना है कि कोर्ट के इस आदेश से मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को प्रान्तीयकरण से पूर्व की गई। सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।