हल्द्वानी। उत्तराखंड के कुमांयू मंडल में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में हारे 11 नेताओं पर कांग्रेस ने भरोसा जताते हुए इस विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है। मोदी लहर ने कांग्रेस को उत्तराखंड में व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। कांग्रेस के एक से बढ़कर एक कद्दावर नेताओं, विधायकों को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस राज्य में 11 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी। अब 5 साल बाद कांग्रेस फिर सत्ता पाने की जुगत में है। ऐसे में पार्टी हाईकमान ने कुमाऊं में 11 ऐसे नेताओं और पूर्व विधायकों पर दोबारा भरोसा किया है, जो 2017 चुनाव हार गए थे। जबकि, 08 सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतारे गए हैं। वहीं, चार सिटिंग विधायक भी अपना टिकट कटने से बचाने में कामयाब रहे हैं। कांग्रेस द्वारा जो नए चेहरे इस बार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं उनमें गंगोलीहाट से खजान गुड्डू, बागेश्वर से रणजीत दास, नैनीताल से संजीव आर्य, हल्द्वानी से सुमित ह्रदयेश, काशीपुर से नरेंद्र चंद्र सिंह, गदरपुर से प्रेमानंद महाजन, रुद्रपुर से मीना शर्मा व सितारगंज से नवतेज पाल सिंह शामिल हैं। जिन सिटिंग विधायकों को टिकट दिए गए हैं उनमें जागेश्वर से गोविंद सिंह कुंजवाल, रानीखेत से करन माहरा, जसपुर से आदेश चौहान और धारचूला से हरीश सिंह धामी शामिल हैं। 2017 में हारे जिन प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा गया है उनमें डीडीहाट से प्रदीप पाल,
पिथौरागढ़ से मयूख महर, कपकोट से ललित फर्स्वाण, द्वाराहाट से मदन सिंह बिष्ट, सोमेश्वर से राजेन्द्र बाराकोटी, अल्मोड़ा से मनोज तिवाड़ी, लोहाघाट से खुशाल सिंह अधिकारी, चम्पावत से हेमेश खर्कवाल, भीमताल से दान सिंह भंडारी, नानकमत्ता से गोपाल राणा व खटीमा से भुवन कापड़ी शामिल हैं।
टिकट न मिलने पर सज्जन लाल टम्टा ने पूर्व सीएम रावत के खिलाफ खोला मोर्चा
बागेश्वर। उत्तराखड में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद बगावत तेज हो गई है। बागेश्वर सीट पर कांग्रेस के दावेदार सज्जन लाल टम्टा को टिकट नहीं मिलने से वह खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हरीश रावत का नौकर बनने वाले को ही टिकट मिलता है। यह बात स्पष्ट हो गई है। सोमवार को कांग्रेस के तमाम लोग सामूहिक इस्तीफा देंगे। बागेश्वर और कपकोट विधानसभा से चुनाव भी लड़ाएंगे। रविवार को कांग्रेस से टिकट के दावेदार सज्जन लाल टम्टा ने खुलकर पत्रकारों के सामने आए। कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के लिए समय दिया। अपना पैंसा बर्बाद किया। उन्हें टिकट से वंचित रखा गया है। वह पार्टी में रहकर अपना भविष्य खराब नहीं कर सकते हैं। कहा कि पार्टी के पास एक कार्यालय तक नहीं था। भैरव नाथ टम्टा ने 60 हजार रुपये देकर कार्यालय खुलवाया। इसके अलावा सभी ने 10 से 20 हजार रुपये की मदद भी की। हरीश रावत के यहां मुख्यमंत्री काल में उनके यहां नौकरी करने वाले को टिकट दे दिया गया है। कहा कि दास जिले में एक प्रतिशत भी नहीं हैं। शिल्पकारों के मतों का दोहन नहीं होने दिया जाएगा। यह शिल्पकारों के साथ अन्याय है। सभी टिकट मांगने वाले प्रत्याशियों का पैंसा वापस किया जाए। कहा कि आम आदमी पार्टी के बसंत कुमार का भी उन्हें फोन आया था। कहा कि नाराज प्रत्याशियों में एक को विधानसभा बागेश्वर और वह स्वयं कपकोट विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। ताकि कांग्रेस को पता चले कि जमीनी कार्यकर्ता की अवहेलना क्या होती है। सोमवार को कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता सामूहिक रूप से इस्तीफा भी देंगे। इधर, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक ने कहा कि सभी को मना लिया जाएगा। टिकट सभी को नहीं मिल सकता है। सभी का सहयोग लिया जाएगा।
प्रत्याशी घोषित होने पर भावुक हुए सुमित हृदयेश
हल्द्वानी। हल्द्वानी विधानसभा से विधायक प्रत्याशी घोषित होने पर सुमित हृदयेश भावुक हो गए। उन्होंने पार्टी हाईकमान का आभार जताते हुए कहा कि पार्टी ने मां की कमी नहीं होने दी। वह पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे और मां के अधूरे अपनों को सभी के साथ मिलकर पूरा करेंगे। दावा किया कि हल्द्वानी के साथ ही जिले की सभी छह सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत होगी। रविवार को स्वराज आश्रम है सुमित हृदयेश ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जिस उम्मीद के साथ उन्हें प्रत्याशी घोषित किया है वह उस उम्मीद पर खरा उतरेंगे। कहा कि डबल इंजन की झूठी सरकार को अब सबक सिखाने का समय आ गया है। प्रदेश की जनता परिवर्तन का मूड बना चुकी है। कांग्रेस के कार्यकाल में जो विकास अधूरे पड़े थे वह आज भी पूरे नहीं हो पाए। आईएसबीटी और जू उनकी पहली प्राथमिकता होगी। सुमित ने कहा उनकी जीत के लिए सभी लोग मिलकर काम करेंगे। अपनी संकल्प यात्रा में वह जिन लोगों से नहीं मिल पाए। उनका आशीर्वाद लेने के लिए दोबारा घर-घर जाएंगे। अपनी बात कहते हुए सुमित मां स्व. इंदिराहृदयेश को याद कर वह भावुक हो गए और बोले, कि मां पिता का साया ही बच्चों के लिए काफी होता है। लेकिन उनकी मां के जाने के बाद पार्टी ने कभी भी मां की कमी नहीं होने दी। उनका हर कदम पर साथ दिया और इसी विश्वास के साथ उन्हें टिकट भी दिया गया। उन्होंने हल्द्वानी से अपनी जीत का दावा किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल समेत कई मौजद थे।