देहरादून। विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को भले ही बहुमत मिला हो, लेकिन बीजेपी के गढ़ में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराकर चुनाव जीत लिया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराकर 2017 की हार का बदला ले लिया है। 2017 के चुनावों में कापड़ी महज 2709 वोटों से हारे थे। लेकिन, कांग्रेस ने कापड़ी पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर सीएम धामी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। धामी की तरह कापड़ी भी प्रमोशन के साथ चुनावी मैदान में उतरे थे। कांग्रेस में जुलाई में हुए सांगठनिक फेरदबल में कापड़ी प्रदेश के युवा कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे, तो पिछले साल ही धामी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी। किसान आंदोलन को सीएम धामी की हार की मुख्य वजह माना जा रहा है। इसी के साथ ही, जातीय समीकरण की वजह से भी सीएम धामी को हार का मुंह देखना पड़ा। उत्तराखंड के तराई में किसान आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिला। रुद्रपुर, काशीपुर, खटीमा आदि क्षेत्रों से भारी संख्या में आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसपर पर भी किसान सरकार से काफी खफा नजर आ रहे थे। दूसरी ओर, जातीय समीकराणों को नहीं साध पाना भी सीएम धामी की हार की मुख्य वजह हो सकती है। खटीमा में पर्वतीय मतदाता के अलावा थारू मतदाताओं की भारी संख्या है। थारू मतदाता 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव से अपने ही वर्ग के नेता रमेश राणा के पक्ष में जाता रहा है, लेकिन 2022 के चुनाव में यह वोट कांग्रेस के पक्ष में चला गया और आखिरकार सीएम धामी की हार हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने छह माह के मुख्यमंत्रित्व काल में खटीमा में पूर्व में प्रस्तावित कामों को जहां तेजी से संपन्न कराया, वहीं नए काम भी प्रस्तावित किए। मगर यह काम 2022 के चुनाव में मुख्यमंत्री के काम नहीं आए।