देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा को 2017 के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में भी शानदार बहुमत मिला है। मुख्यमंत्री रहते पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए जिसके बाद भाजपा में सीएम पद को लेकर सभी समीकरण गड़बड़ा गए। दस मार्च को परिणाम आने के बाद सीएम पद के चेहरे के लिए लगातार चर्चाएं और मंथन होता आ रहा है। सीएम के लिए इस समय लगभग एक दर्जन नाम चर्चाओं में आ चुके हैं। अभी भी सीएम के लिए धामी को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री के रूप में धामी के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो एक बार फिर पौड़ी जिले से प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है। इस समय राज्य में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री के दावेदार पौड़ी जनपद से ही हैं। उत्तराखंड में अब तक सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री देने वाला पौड़ी जिला एक बार फिर चर्चाओं में है। दरअसल, इन दिनों दिल्ली में भाजपा हाईकमान उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर गहन मंथन कर चुका है। इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा चेहरे दिल्ली में पहुंचकर अपने नाम के लिए लॉबिंग भी कर चुके हैं। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा दावेदार पौड़ी जनपद से ही हैं। वैसे तो कार्यवाहक मुख्यमंत्री धामी को ही दोबारा मौका दिए जाने की बात प्रमुखता से सामने आती रही है। यदि धामी को मौका नहीं मिलता है तो सबसे ज्यादा संभावना है इसी बात की है कि मुख्यमंत्री इस बार भी पौड़ी जनपद से ही बनाया जा सकता है। क्योंकि मुख्यमंत्री की रेस में शामिल बड़े चेहरों में सबसे ज्यादा राजनेता पौड़ी जनपद से ही ताल्लुक रखते हैं। वहीं श्रीनगर विधानसभा सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को हराकर लगातार दूसरी बार विधायक बने डॉ. धन सिंह रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और उन्हें भी दिल्ली का करीबी माना जाता है। विधायकों में सबसे प्रबल दावेदार के रूप में धन सिंह रावत का नाम शामिल है। त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद भी डॉ. धन सिंह रावत का नाम सीएम पद के लिए मजबूती से चला था। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम भी इन दिनों मुख्यमंत्री की रेस में शामिल है। बलूनी भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख हैं और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का बड़ा चेहरा हैं। लेकिन वह पौड़ी के कोटद्वार से ताल्लुक रखते हैं। खास बात यह है कि अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी मानें जाते हैं। वहीं दूसरी पूर्व सीएम और पूर्व केद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की दिल्ली में अच्छी पकड़ मानी जाती है। अभी वह मुख्यमंत्री बनने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। डॉ. निशंक भी पौड़ी जिले से ही ताल्लुक रखते हैं। डॉ. निशंक हरिद्वार लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। जबकि त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और संघ में अच्छी पकड़ रखते हैं। त्रिवेंद्र रावत भी इन दिनों लॉबिंग जुटे हुए हैं। लगातार पार्टी के नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं। त्रिवेंद्र देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन मूल रूप से उनका भी ताल्लुक पौड़ी जनपद से ही है। हालांकि वह पहले ही कह चुके हैं कि वह सीएम की रेस में नहीं हैं। निवर्तमान कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सतपाल महाराज चौबट्टाखाल सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं उनका नाम भी सीएम की रेस में शामिल है। इस बार सीएम पद के लिए कोटद्वार विधायक रितु खंडूड़ी का नाम भी शामिल है। रीतू खंडूडी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी हैं। पौड़ी जनपद से ही ताल्लुक रखने वाले लैंसडाउन सीट से विधायक महन्त दिलीप सिंह रावत का नाम भी सामने आया हैं। इन सब नामों के बाद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का ताज किसे मिलेगा यह सोमवार को साफ हो जाएगा। धामी फिर से देवभूमि के नए किंग होंगे या पौड़ी गढ़वाल से किसी की लॉटरी लगेगी यह सोमवार को पता चलेगा।