बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ योजना, 2025 तक उत्तराखंड में बाल लिंगानुपात को प्रति 1000 बालकों पर 1000 बालिकाएं करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य
देहरादून । ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ योजना के अंर्तगत वर्ष 2025 तक उत्तराखंड में बाल लिंगानुपात को प्रति 1000 बालकों पर 1000 बालिकाएं करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ हर की पौड़ी से वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश तक मंत्री श्रीमती रेखा आर्य की अगुआई में संकल्प कांवड यात्रा “मुझे भी जन्म लेने दो” शिव के माह में शक्ति का संकल्प का समापन वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश में किया गया। यात्रा समापन पर उन्होनंे हरिद्वार से नगें पांव यात्रा में सम्मिलित हुई आंगनबाड़ी कार्यकर्ती श्रीमती पिंकी आंगनबाड़ी केन्द्र रावली महदूद-12 हरिद्वार की चरणवंदना की। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर मा0 वित्त मंत्री उत्तराखण्ड सरकार/स्थानीय विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने मंदिर परिसर में कावड़ यात्रा “मुझे भी जन्म लेने दो” का स्वागत करते हुए लक्ष्य प्राप्ति हेतु शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर मा0 मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों एवं जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके लिए विभाग द्वारा संपूर्ण राज्य एवं देश में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का संदेश देने हेतु विभाग द्वारा इस कावंड यात्रा का आयोजन किया गया। उन्होंने यात्रा को सफल बनाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमने यात्रा के पड़ाव में संकल्प लिया कि बेटी के जन्म से उसको नैतिक सहायता उपलब्ध कराने तथा निश्चय किया कि आंगनबाड़ी केन्द्र बालिकाओं को बचाने आगे बढाने के लिए पूर्ण जिम्मेदारी के साथ तैयार होकर कार्य करेगा।
साथ ही कहा कि उत्तराखण्ड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, आगे इसे देव और देवीयों की भूमि के नाम से जाना जाएगा। इस देवभूमि से संकल्प लेना है कि बेटियों को बचाने एवं उनका सशक्तिकरण करते हुए उन्हें आगे बढ़ाना है, बाल विकास विभाग बालिकाओं/महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कार्य कर रहा है। उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री जी के संकल्प “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” को सफल बनाने हेतु सबसे सहयोग की अपेक्षा करते हुए अगले तीन वर्ष में लिंगानुपात को प्रति 1000 बालकों पर 1000 बालिकाएं करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त के लिए सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को इस कार्य में अपना योगदान देना है, तथा अपने गांव व क्षेत्र की महिलाओं की गर्भवती होने से प्रसव तक की माॅनिटरिंग/सूचनाएं रखनी होगी, विशेषकर डेढ़ माह के गर्भ में ज्यादा सचेत रहकर कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्र में कहीं पर भ्रूण हत्या व लिंगानुपात की जांच करायी जा रही हो तो इसकी सूचना दें। सूचना देने वाला का नाम गोपनीय रखा जाएगा, तथा 10 हजार रूपये पुरस्कार के रूप में दिये जाएंगे।
इस अवसर पर मेयर नगर निगम ऋषिकेश श्रीमती अनिता मंमगाई, महिला बाल आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल, उत्तराखण्ड बाल आयोग की अध्यक्ष श्रीमती गीता खन्ना, ने संबोधन करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।