नगर निगम रुड़की में प्रशासक कार्यकाल में हुए घोटालों का ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
रुड़की।नगर निगम रुड़की में प्रशासक कार्यकाल में बडे घोटालों का ऑडिट रिपोर्ट में सिलसिलेवार खुलासा हुआ है,जो घोटाले किए गए हैं और उन पर पर्दा डालने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब कर दिए गए।ऐसे में जीरो टॉलरेंस की धामी सरकार में उस समय के अधिकारी शायद कार्रवाई से बच नहीं पाएंगे?नगर निगम रुड़की का प्रशासक कार्यकाल घोटालों से भरा रहा है,हालांकि प्रशासक कार्यकाल के ही अधिकारी काफी समय तक नगर निगम रुड़की में तैनात रहे और उन्होंने मनमाने ढंग से सरकारी धन का दुरुपयोग किया,वैसे जब दिसंबर-19 में नवनिर्वाचित नगर निगम बोर्ड ने कार्यभार संभाला तो प्रशासक कार्यकाल के घोटालों की गूंज शपथ ग्रहण समारोह में सुनाई पड़ी।उस समय कई सामाजिक संगठनों राजनीतिज्ञों व समाजसेवियों ने शिकायत की।यहां तक कि नगर निगम को प्रशासक कार्यकाल में बहुत बड़ा नुकसान हो जाने का मामला सामने आने पर मेयर गौरव गोयल ने भी विभिन्न स्तरों पर इसकी शिकायत की,किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई।वजह प्रशासक कार्यकाल के अधिकारियों ने किसी भी शिकायत की जांच नहीं होने दी।घोटालों पर पर्दा डालने के हर संभव प्रयास किए।माना जा रहा है कि इसी कारण कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तक गायब हो गए,लेकिन ऑडिट रिपोर्ट में प्रशासक कार्यकाल के घोटालों से पर्दा उठा ही दिया।वित्त ऑडिट प्रकोष्ठ उत्तराखंड शासन निदेशालय,लेखा परीक्षा उत्तराखंड देहरादून की ओर से जो हाल के दिनों में नगर आयुक्त रुड़की को पत्र लिखा गया है,उसमें सभी वित्तीय अनियमितताओं का क्रमवार उल्लेख किया गया है और उनके संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए भी कहा गया है।इसमें लगभग दस मामले तो बिल से अधिक भुगतान कर देने के हैं।
एक कार्य की दो बार स्वीकृति और भुगतान कर देने का सनसनीखेज मामला भी शामिल है।निविदा की दरों से अधिक दर एवं मात्रा दर्शित कर अधिक भुगतान कर देने का भी एक गंभीर मामला ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है।विभिन्न सामग्री खरीदी गई,लेकिन स्टॉक रजिस्टर में कहीं दर्ज नहीं की गई।बिल योग गलत होने पर धनराशि का अधिक भुगतान कर दिया गया,यानि कि बिलों में भी घोटाले किए गए।ट्रैक्टर खरीद में भी बड़ा घोटाला हुआ है।पूर्व अपेक्षित स्वीकृति ना लेकर ट्रैक्टरों की खरीद की गई है जोकि पूरी तरह अनियमित है।ऑडिट रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि क्रय सीमा से अधिक की ट्रैक्टर खरीद की गई।नाला सफाई घोटाला भी सामने आया है,जिसमें बिना प्री ऑडिट के रुपये 6522939.00 भुगतान करना अनियमित रहा है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अंतर्गत घाटों के सौंदर्यीकरण,रुड़की नगर निगम सभागार जीर्णोद्धार कार्य की अनियमित रूप से निविदा 8.899.000.00 किया जाना एवं कार्य में प्रयुक्त सामग्रियों की बिना किसी टेस्टिंग के धनराशि रु 18899000.00 का भुगतान किया जाना भी अनियमित है।72 बार स्ट्रीट लाइटों के क्रय व उनके स्थापन संदिग्ध होने के साथ लाइटों रिप्लेसमेंट एवं रिप्लेस की गई लाइट से नगर निगम को रुपये 2406152.00 की क्षति पहुंचाया जाना है।ऑडिट रिपोर्ट में वर्ष 2020-2021 एवं 2021-22 में कुल रुपये 37596712.00 मूल्य के स्वच्छता उपकरणों/वाहनों के क्रय को भी संदिग्ध माना गया है।ऑडिट रिपोर्ट में अन्य कई वित्तीय अनियमितताओं के भी बारे में भी नगर निगम रुड़की से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है,इस संबंध में नगर निगम के मौजूदा अधिकारियों ने मेयर गौरव गोयल से भी हेल्प मांगी तो उन्होंने भी दो टूक कह दिया है कि वह तो इन सभी वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत शासन को पहले ही कर चुके हैं।उनके द्वारा की गई शिकायतों की प्रतियां भी नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों को दिखा दी गई है और जिनमें लिखा गया है कि आईआईटी की तकनीकी रिपोर्ट में घटिया निर्माण होने की बात सामने आने के बाद भी भुगतान कर दिया गया।मेरे द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने का पर प्रत्यत्न किया गया,परंतु उस समय की नगर आयुक्त द्वारा कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान दिए बिना ही भुगतान किए जाते रहे।यहां तक कि लगभग 64 निर्माण कार्यों के वर्क आर्डर (कार्य आदेश ) बिना पत्रावली पर हस्ताक्षर किए सहायक नगर आयुक्त के माध्यम से जारी कर दिए गए।रजिस्ट्रों में हेराफेरी करने के उद्देश्य से जगह छोड़ने के गंभीर मामले उनके निरीक्षण के दौरान सामने आए,जिसकी शिकायत भी समय रहते उच्च अधिकारियों को की गई है।