मेयर गौरव गोयल के खिलाफ पूर्व में दर्ज मुकदमा समाप्त,पुलिस ने विवेचना करने के बाद सभी आरोप झूठे पाए
रुड़की।मेयर गौरव गोयल के खिलाफ वर्ष 2020 में विरोधी पक्ष की ओर से दर्ज कराए गए मारपीट,झगड़ा व छेड़छाड़ का मुकदमा समाप्त हो गया है,यानी कि पुलिस ने अपनी विवेचना में आरोप सही नहीं पाए हैं,जिस कारण पुलिस की ओर से मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाकर संबंधित कोर्ट में दाखिल की,जोकि कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मुकदमा समाप्त कर दिया।यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस इस मामले में अंतिम रिपोर्ट पहले ही दाखिल कर चुकी थी,किन्तु विरोधी पक्ष द्वारा पहली अंतिम रिपोर्ट पर ऐतराज दाखिल किया था और कोर्ट ने जिस कारण इस मुकदमे की पुनः विवेचना कराई,लेकिन पुनः विवेचना में भी आरोप सही नहीं पाए गए,जिस कारण पुलिस ने दोबारा अंतिम रिपोर्ट लगाकर न्यायालय में भेजी जोकि अपर वरिष्ठ सिविल जज/अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रुड़की,जिला हरिद्वार चित्रा रावत की कोर्ट ने मुकदमा समाप्त कर दिया।
मुकदमा समाप्ति को विरोधी पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है,क्योंकि विरोधी पक्ष इसी मुकदमे को आधार बनाकर मेयर को भाजपा संगठन के साथ ही शासन स्तर पर भी घेरे हुए था।शासन में बार-बार यही बात दोहराई जा रही थी,कि मेयर के खिलाफ मारपीट,झगड़ा का मुकदमा दर्ज है और उसके विवेचना लंबित है,हालांकि यह मुकदमा काफी समय पहले समाप्त हो चुका है,फिर भी विरोधी पक्ष के लोगों ने हाल के दिनों में भी इस मुकदमे का हवाला देते हुए मेयर के खिलाफ शासन स्तर पर माहौल बनाने की कोशिश की।पर अब जब नगर के कुछ संभ्रांत और सत्ताधारी पार्टी से जुड़े नागरिकों ने शासन में जाकर इस बात का खुलासा किया है कि मुकदमा राजनीतिक दृष्टि से दर्ज कराया गया था,जोकि दो बार की विवेचना में भी झूठा पाया गया और मुकदमा कोर्ट स्तर से भी समाप्त किया जा चुका है,तो विपक्षी खेमे के लोगों की बड़ी किरकिरी हुई।एक अधिकारी और भाजपा के वरिष्ठ नेता ने तो विपक्षी खेमे के लोगों से सवाल भी किया है कि आप तो कह रहे थे कि जो मुकदमा दर्ज हुआ था उसमें मेयर जेल जाएगा,लेकिन वह तो दो बार की विवेचना में ही झूठा पाया गया और जानकारी यह मिली है कि मेयर की छवि धूमिल करने और उनको परेशान करने के लिए ही यह मुकदमा एक साजिश के तहत दर्ज कराया गया था,तो यह सुनकर विपक्षी खेमे के लोगों के चेहरे लटक गए और वह भाजपा के वरिष्ठ नेता को इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे पाए।
बाद में वह यह कहते हुए वरिष्ठ नेता के यहां से निकले कि कुल मिलाकर मेयर ठीक नहीं है।मेयर क्यों ठीक नहीं है इस बारे में वह कोई तर्क नहीं दे सके।प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वही लोग है जोकि वर्ष 2019 के नगर निगम के चुनाव में गौरव गोयल के धुर विरोधी रहे।गौरव गोयल के मेयर पद पर निर्वाचित होने के बाद से ही यह उनके खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं।उनके हर अच्छे कार्य को भी यह गलत बताने व साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं,हालांकि पिछले दिनों हुई बोर्ड की बैठक में उनको बड़ा झटका लग चुका है।जो आधार इस खेमे के द्वारा शासन और भाजपा संगठन ने गिनाए जाते थे वह भी धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।रही बात सुबोध गुप्ता की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे की मुकदमे में को नगर का बुद्धिजीवी वर्ग पहले ही मान चुका हैं कि मेयर गौरव गोयल पर दबाव बनाने के लिए ही मुकदमा दर्ज कराया गया,क्योंकि सुबोध गुप्ता बीटी गंज (सुभाष गंज) के बेशकीमती भूखंड हथियाना चाहता है,जबकि मेयर गौरव गोयल नगर निगम के इन भूखंडों को बचाने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार है।वैसे भी मुकदमे की विवेचना भी जा रही है।ऑडियो की मूल डिवाइस न मिलने के कारण अभी तक विवेचक मामले के निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।