आदर्श चंपावत बनाने की ओर एक कदम और बढ़ा चम्पावत
देहरादून। जनपद मुख्यालय के गोरलचोड़ स्थित आडिटोरियम में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री ने स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक कार्यक्रम के शुभारंभ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आशा करता हूॅ कि सम्पर्क फाउंडेशन सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में इसी प्रकार सफलता के नये-नये आयाम स्थापित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष संपर्क फाउण्डेशन विनित नायर ने मेरे अनुरोध पर इस कार्यक्रम की शुरूआत प्रदेश में चम्पावत से की है और इसी के साथ ही हम चंपावत को आदर्श जनपद बनाने की ओर एक कदम और आगे बढ़ गए है।
उन्होंने कहा कि स्व.जनक नायर जी ने शायद इस संस्था का नाम सम्पर्क संस्था के कार्यों को परिभाषित करने के उद्देश्य से ही रखा होगा। क्योंकि ’’सम्पर्क’’ अर्थात ’’जुड़ना’’, समाज के वंचित और हाशिए पर रह रहे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना कही ने कही संपर्क फाउण्डेशन का उद्वेश्य को सार्थक करता है। उन्होंने कहा कि आज का युग साइंस और टेक्नोलॉजी का है और प्रधानमंत्री मोदी जी भी कहा करते हैं कि देश के विकास के लिए लोग साइंस और टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करें। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम कार्यों को आसानी के साथ ही कम समय में अधिक काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा की विद्यालयों को संपर्क स्मार्ट डिवाइस दिए गए हैं जिससे बच्चे आसानी से, सरल भाषा में, आनंदमय तरीके से शिक्षा ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। दुनिया में अनेक देशों की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है, खराब हो रही है वहीं भारत की अर्थव्यवस्था इस विषम समय में भी 11 वें स्थान से 5 वें स्थान की अर्थव्यवस्था बन गई है। आने वाले समय में स्वतंत्रा की शताब्दी में भारत दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत बन जाएगा। किसी भी देश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास उस देश के नौनिहाल व बच्चें है। उनकी शिक्षा किस प्रकार की हो, उसकी गुणवत्ता किस प्रकार की हो उस पर निर्भर करता है। यह सब कार्य शिक्षकों के जिम्मे है। पहला संस्कार माता-पिता देते हैं दूसरा शिक्षक गण देते हैं। उन्हें जीवन में शिक्षा देने, आगे बढ़ाने का कार्य शिक्षक करते हैं। चंपावत से निकलने वाले बच्चें विभिन्न क्षेत्रों में जाएंगे वहां जाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करने के साथ ही गांव, क्षेत्र, जिला, प्रदेश का नाम रोशन करेंगे, वहीं शिक्षकों का भी नाम रोशन करेंगे, जहां से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचार हो रहे हैं साथ ही अनेक चुनौतियां भी आई है। इन सभी चुनौतियों के मध्य नई शिक्षा नीति आई है। यह नीति स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा को नए आयाम देने का कार्य करेगी। वही सभी वर्गों के लोगों के लिए समानता के अधिकार के तहत शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी। नई शिक्षा नीति के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं के अध्ययन छात्र छात्राओं को लाभ मिलेगा। उत्तराखंड प्रथम राज्य है जिसने नई शिक्षा नीति है जो उसे स्कूली शिक्षा में पूरी तरह से लागू किया गया है। संपर्क फाउंडेशन ने इस कार्य में जो स्मार्ट कक्षाओं की नींव रखी गई है उससे बच्चों को लाभ मिलेगा।