नूपुर वर्मा की गृह जनपद में तैनाती पर हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
हरिद्वार/ नैनीताल। अपने गृह जनपद में तैनात पीसीएस अधिकारी नूपुर वर्मा से संबंधित याचिका पर शुक्रवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है। नूपुर वर्मा के गृह जनपद संबंधी दस्तावेजो के संबंध में 3 सप्ताह में नोटिस इशू कर जवाब मांगा गया है। याचिकाकर्ता खंजरपुर के पूर्व प्रधान अजय कुमार द्वारा हाई कोर्ट को यह अवगत कराया गया कि नूपुर वर्मा द्वारा अपनी सिटी रुड़की में नौकरी के दौरान भारी भ्रष्टाचार किया एवं पिछड़ी जाति आरक्षण वह महिला आरक्षण का लाभ 2014 में रुड़की के डोमेसाइल पर लेते हुए बाद में अपना गृह जनपद सरकार को गुमराह करते हुए उत्तर प्रदेश में परिवर्तित करा लिया। उत्तराखंड राज्य ऑडिट विभाग द्वारा 2020-21 वह 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट में रुड़की में भारी भ्रष्टाचार संज्ञान में आया है। नूपुर वर्मा ने अपने नगर आयुक्त नगर निगम रुड़की कार्यकाल में रुड़की में राजनीति का अखाड़ा बनाते हुए कार्य किया। इस बीच उनके द्वारा तमाम वित्तीय अनियमितताएं की गई।कई वित्तीय अनुशासनहीनता की गई।सलेमपुर के तालाब की मिट्टी बिकवाने में उनकी भूमिका रही। इस संबंध में हरिद्वार जिलाधिकारी को शिकायत की गई जिसकी जांच भी हुई।
नूपुर वर्मा पिछले 5 सालों से अपने ग्रह जनपद में तैनात हैं। पूर्व में भी 2 वर्ष गृह जनपद में तैनात रह चुकी हैं। सरकार में अपने बड़े रसूख के चलते वह अपने गृह नगर में जनपद में रहने का लाभ ले रही हैं। अब हाई कोर्ट द्वारा इसका संज्ञान लिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि नूपुर वर्मा के द्वारा नगर आयुक्त रुड़की पद पर रहते हुए तमाम गड़बड़ियां की गई है। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर हाल के दिनों में की गई है प्रधानमंत्री कार्यालय को भी शिकायतें भेजी गई है। एक शिकायत सीएम पोर्टल और प्रधानमंत्री कार्यालय को यह भी की गई है कि नूपुर वर्मा हरिद्वार में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर है लेकिन मुख्यालय पर निवास करने के बजाय वह रुड़की स्थित अपने आवास से अप डाउन कर रही है।