देखते ही देखते राजधानी में राज्य का पहला आधुनिक सुविधााओं से लेस इंटेसिव चाईल्ड संटर हो गया  तैयार; और विस्तार

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देखते ही देखते राजधानी में राज्य का पहला आधुनिक सुविधााओं से लेस इंटेसिव चाईल्ड संटर हो गया  तैयार; और विस्तार

 

देहरादून । जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में जिला बाल संरक्षण इकाई, देहरादून की जनपद देहरादून में बाल मिक्षावृत्ति उन्मूलन निवारण प्रयास अभियान के सुचारू संचालन के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में इंटेन्सिव केयर सेन्टर साधु राम इण्टर कॉलेज राजा रोड देहरादून में प्रवेशरत बच्चों के स्वास्थ्य जांच के सम्बन्ध में बताया गया कि प्रत्येक मंगलवार बच्चों को आरबीएसके की चिकित्सकीय टीम इटंेसिव केयर सेंटर पर बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करती है तथा बच्चों के शारीरिक विकास स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी करती है।
मा0 मुख्यमंत्री की अमिट प्ररेणा से बाल भिक्षावृत्ति निवारण का सम्पर्ण तंत्रः जिला प्रशासन ने किया आयुष्मान भवः डीएम ने की धन व्यवस्था टीचर्स एग्रीमेंट, रेस्क्यू वाहन टीमें, एनजीओ आसरा व्यवस्था और अधिक विस्ता करते हुए  सीधा दो साल कर दिया है।  डीएम ने कहा हमारी सिर्फ अधिकारिक नही कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी है प्रशासन की व्यक्ति की हम सबकीः डीएम जिले को हरहाल में भिक्षावृत्ति, व बालश्रम मुक्त करने को संकल्पबद्ध हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन का निरंतर अभियान चलाते हुए बच्चों को मुख्यधारा शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।  जिले में देखते ही देखते राजधानी में राज्य का पहला आधुनिक सुविधााओं से लेस इंटेसिव चाईल्ड सेंटर तैयार हो गया है जिसके 19 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ते हुए स्कूलों में दाखिला दिया गयाहै।  भिक्षावृत्ति, बालश्रम से रेस्क्यू बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना ही प्रशासन का लक्ष्य है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल भिक्षावृत्ति निवारण प्रयास के अन्तर्गत माह दिसम्बर 2024 से अप्रैल 2025 तक रेस्क्यू किये गये बाल भिक्षावृत्ति/बाल श्रम/कूडा-बीनने में संलिप्त 174 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। बाल भिक्षावृत्ति में 47 बच्चें जिनमें 40 बालक एवं 7 बालिकाएं है। बालश्रम में 47 बालक, कचना बिनते पाए गए 72 बच्चों को रेस्क्यू किया गया जिनमें 62 बलाक एवं 10 बालिकाएं है। अन्य रेस्क्यू 8 बच्चे, जिनमें 4 बालक 4 बालिकाएं है, जिनका इंन्टेसिव केयर सेन्टर में पंजीकरण कराया गया है तथा इन्टेंसिव सेन्टर में 146 बाहरी छात्र जिनमें 82 बालक एवं 64 बालिकाएं शामिल है। बाल भिक्षावृत्ति निवारण प्रयास अभियान के अन्तर्गत गैर सरकारी संगठन आसरा ट्रस्ट, खुला आश्रय गृह समर्पण सोसाईटी व खुला आश्रय गृह सरफीना ट्रस्ट देहरादून के साथ हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर चर्चा की गई जिस पर जिलाधिकारी ने जिला प्राबेशन अधिकारी को निर्देश दिए कि आरएफटी निकालकर विकसित करें, जिसमें गृहों में क्या-2 सुविधाएं एवं मानक होने चाहिएं तथा इसमें प्रशासन सुपरविजन की भूमिका में रहेगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह,  मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद ढौंडियाल,  जिला प्राबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, उप श्रमआयुक्त दीपक कुमार, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नमिता ममगाई, आसरा, समर्पण एवं  सरफिना ट्रस्ट के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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