देहरादून। बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवल्पमेंट एजेंसी (बीआरईडीए) ने सार्वजनिक उपक्रम एसजेवीएन की बिहार राज्य में क्रियान्वित की जा रही ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजना से 3.11 रुपये प्रति प्रति यूनिट के डिस्कवर्ड टैरिफ के आधार पर 200 मेगावाट बिजली क्रय करने करने के लिए आशय पत्र जारी किया हैस बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीईआरसी) द्वारा टैरिफ की के अनुमोदन के उपरांत आशय पत्र जारी किया गया है। इस संबंध में एसजेवीएन शीघ्र ही पीपीए पर हस्ताक्षर करेगा। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने अगवत कराया कि एसजेवीएन ने अगस्त,2021 में आयोजित ई-रिवर्स नीलामी के दौरान बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट (बीओओ) आधार पर/रू.3.11/यूनिट की दर से 200 मेगावाट परियोजना को खुली प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया था। उन्होंने बताया कि इस परियेाजना के निर्माण और विकास की संभावित लागत 1000 करोड़ रूपए है। इस परियोजना से पहले वर्ष में 420.48 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में परियोजना संचयी विद्युत उत्पादन लगभग 10512 मिलियन यूनिट होगा। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी (बीएसपीएचसी) तथा एसजेवीएन के मध्य विद्युत क्रय समझौते (पीपीए) पर 25 वर्षों की दीर्घावधि लिए हस्ताक्षर किए जाएंगे। शर्मा ने अवगत कराया कि वर्तमान में, एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता 2016.5 मेगावाट है जिसमें 1912 मेगावाट की दो जलविद्युत परियोजनाएं तथा 104.5 मेगावाट के 4 नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र (6.9 मेगावाट के दो सौर संयंत्र तथा 97.6 मेगावाट के 2 पवन संयंत्र) शामिल हैं । एसजेवीएन के पास वर्तमान में 2550 मेगावाट की सौर परियोजनाएं विभिन्न स्थलों पर निष्पादनाधीन हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी सौर परियोजनाओं को 2023 तक कमीशन कर दिया जाएगा, जो एसजेवीएन की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक विशाल उपलब्धि होगी। भारत सरकार ने 24×7 पावर टू ऑल के विजन को परिकल्पित किया है तथा 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है, जिसमें से वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सोलर के माध्यम से पूरा किया जाना है। गत वर्ष सितम्बर में संयुक्त जलवायु कार्यान्वयन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की घोषणा की थी। भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और 2040 तक 50000 मेगावाट क्षमता वृद्धि का अपना साझा विजन अद्यतन किया है।