- पुण्य और पराक्रम की देवभूमि को पॉच सालों में महंगाई और बेरोजगारी के अंधे कुएं में धकेला
- कांग्रेस के स्टार प्रचारक अल्मोड़ा में आक्रामक अंदाज में नजर आए
- उत्तराखण्ड के भविष्य पर ग्रहण लगाने का काम किया
अल्मोड़ा। कांग्रेस के स्टार प्रचारक रणदीप सिंह सुरजेवाला मंगलवार को अल्मोड़ा पहुंचे। इस दौरान नगर के एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता करते हुए उन्होंने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पुण्य और पराक्रम की देवभूमि उत्तराखंड को पॉच सालों में भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के अंधे कुएं में धकेल दिया हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के भविष्य पर ग्रहण लगाया व मेहनती-बहादुर जनता की महंगाई से जेब काटी। भाजपा ने वादा किया था, तकदीर और तस्वीर बदलने का, मगर सिर्फ मुख्यमंत्री बदले। पांच सालों में चौसर के मोहरों की तरह तीन मुख्यमंत्री बदल प्रदेश को कुशासन, भ्रष्टाचार, महंगाई व बेरोजगारी की गर्त में गिरा दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने मई-अगस्त 2021 शीर्षक से हाल ही में चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उत्तराखंड की बेरोजगारी की भयावह तस्वीर सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि महामारी से पहले भी अक्टूबर से दिसंबर, 2019 में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर 19 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में केंद्रीय विभागों, केंद्रीय सरकारी उपक्रमों व सरकारी संस्थाओं में 30 लाख पद खाली पड़े हैं। दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा कर सत्ता में आए नरेंद्र मोदी ने सात सालों में 14 करोड़ नौकरियां तो दी नहीं, उल्टा पिछले 2 साल में 12.20 करोड़ रोजगार जरूर चले गए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने एक बड़ा झूठ परोसा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत युवाओं को छोटे व्यापार के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। वही मोदी सरकार ने लोकसभा में बेरोजगारी के आंकड़ों का जवाब देते हुए पीरियडिक लेबर फोर्स सर्वे की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि उत्तराखंड राज्य में बेरोजगारी की दर ग्रेजुएट युवाओं में 24.1 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं, डिप्लोमा सर्टिफिकेट धारियों के लिए भी बेरोजगारी की दर 15.2 प्रतिशत है। हाल ही में मोदी सरकार की श्रम मंत्रलय की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि राष्ट्रीय करियर सेवा के तहत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए उत्तराखंड को मिलने वाले रोजगार मेले का बजट खत्म ही कर दिया।