देहरादून । उत्तराखंड बनने से पिछले 24 साल में जहां उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का पूरा-पूरा प्रयास किया लेकिन वहीं कहीं ना कहीं सरकार के प्रयास को भूमाफियो और उनसे संबंधित विभाग के अधिकारी सरकार की मेहनत पर बट्टा लगा रहे हैं या फिर यूं कहे कि विभागों की कार्य प्रणाली भी संदेह के घेरे में है।
भूमाफियाओं ने तो यहां तक हद कर दी है कि कुछ संस्थाओं के नजदीक किसी भी निर्माण को लेकर एक गाइडलाइन जारी है जिसमें कम से कम 100 मीटर की परिधि में कोई भी वेध-अवैध या घरेलू-व्यावसायिक निर्माण नहीं किया जा सकता।
वही एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है ,उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देश के प्रसिद्ध आईएमए से एनओसी प्राप्त किए बिना धड़ल्ले से हो रहा व्यवसायिक भवनों का निर्माण।।
100 मीटर में होने वाले भवन निर्माण और 500 मीटर तक चार मंजिला से अधिक प्रस्तावित भवनों के लिए एनओसी जरूरी।।
भारतीय सैन्य अकादमी के नजदीक धड़ल्ले से हो रहे भवनों के निर्माण के चलते एनओसी की बनाई गई थी अनिवार्यता। आईएमए की बार बार आने वाली आपत्तियों के चलते ही 2023 में प्रधिकारण के द्वार जारी किए गए थे आदेश। आईएमए से एनओसी लिए बैगर एमडीडीए से पास नही किया जाएगा मानचित्र।
बावजूद इसके आईएमए परिसर के नजदीक नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां। एमडीडीए के अधिकारियों को भी विशेष ध्यान देने की जरूरत ताकि एनओसी का रखा जाए ख्याल।
अगर आप भी आईएमए के नजदीक खरीदने जा रहे प्रोपर्टी तो हो रहे सावधान। भूमि विक्रय करने वाले एनओसी की जानकारी छिपा कर लोगों के बेच रहे भूमि। बिना एनओसी के भूमि खरीदने वाले रहें सावधान कही आपके खून पसीने की कमाई न फंस जाए कानूनी दांवपेंच में।