देहरादून। देहरादून पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री व चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का उनके निवास स्थान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी और माल्यार्पण करके स्वागत किया और कांग्रेस की अग्रिम जीत की उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह जीत जनता जनार्दन की जीत होगी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जीत होगी, भाजपा की जन विरोधी नीतियों ने प्रदेश को विकास की राह से पीछे धकेल दिया है। कांग्रेसी सरकार बनने पर विकास के पहिए को तेजी से चलाया जाएगा।
स्वागत करने वालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्याय पूरन सिंह रावत, महामंत्री मनीष कुमार, प्रवक्ता डॉ आर पी रतूड़ी, विनोद चौहान, राहुल प्रियंका गांधी सेना के अध्यक्ष मदनलाल, हरीश रावत विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष गुल मोहम्मद, सुनील नौटियाल, मुस्तफा, सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कैप्टन बलबीर सिंह रावत, राजेश वालिया, सुनील जुयाल, राजकुमार जयसवाल, एसबी थापा, नेक बहादुर पांडे, कैलाश ठाकुर, डीपी बोरा समेत अन्य कार्यकर्ता व नेता उपस्थित थे।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने गिनाए तीन और संकल्प
देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यदि उनके हाथ में बात आई तो दिवंगत दलित कार्यकर्ताओं के नाम पर तीन नई योजनाएं शुरू करने का संकल्प जाहिर किया है। शनिवार के अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर जारी संदेश में रावत ने कहा कि उनकी राजनीतिक और सामाजिक सोच को आकार देने में तीन दलित कार्यकर्ताओं का बड़ा भारी योगदान रहा है। इसमें सुशील कुमार निरंजन, रामलाल विद्यार्थी और राधेलाल चर्मकार का नाम शामिल हैं।
रावत ने विस्तार से जिक्र करते हुए बताया कि सुशील कुमार निरंजन एक दलित एक्टिविस्ट के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। इसलिए वो चाहते हैं कि यदि कभी उनके हाथ में बात रही तो वो सुशील कुमार निरंजन के कार्यक्षेत्र रामनगर में उनके नाम पर एक सार्वजनिक लाइब्रेरी की स्थापित करूंगा। इसी तरह सबसे पहले हाथी को अपना चुनाव चिन्ह बनाने वाले मूलरूप से शिल्पकार और भूमिहीनों के नेता स्वर्गीय रामलाल विद्धार्थी के नाम पर भी भूमिहीन परिवारों की किसी बसासत का नाम रखना चाहुंगा। जबकि राधेलाल चर्मकार के नाम पर चर्मकार सम्मान पेंशन भी प्रारंभ करना चाहुंगा। चाहे यह यह राशि पांच सौ रुपए ही क्यूं न हो। रावत ने इस पोस्ट के साथ अपना वीडियो भी डाला है, तमाम लोग इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं। इससे पहले रावत मतदान समाप्ति के बाद लालकुआं थाने में पुलिस कर्मियों से वोट भी मांगते नजर आ चुके हैं। वो चुनाव बाद भी लगातार सक्रियता दिखाने वाले चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं।