- उत्तराखण्ड में सरकार आई तो राजस्थान की तरह करेंगे लागू
देहरादून। पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में इस बार पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा जोर-शोर से सुनाई दे रहा है, इसके बीच ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश करते हुए जहां कई अहम घोषणा की, वहीं, कर्मचारियों के वेतन कटौती के फैसले को वापस लेते हुए प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का ऐलान किया है। इसका लाभ 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को मिलेगा। राजस्थान सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व सीएम व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि अगर उत्तराखण्ड में भी कांग्रेस की सरकार आती है तो यहा भी पुरानी पेंशन को बहाल किया जाएगा। हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस जो भी वादा करती है उसे पूरा करती है। पुरानी पेंशन बहाली पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पहल की है, उनका यह कदम स्वागत योग्य है।
अटल बिहारी सरकार में बंद हुई थी पेंशन स्कीम
देहरादून। तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर एक अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान किया था। इस तारीख से या उसके बाद जो भी सरकारी नौकरी ज्वाइन करेगा उन्हें अपने वेतन से न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए योगदान देना जरुरी कर दिया गया। केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की, लेकिन इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था। बाद में धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने इसे अपना लिया, लेकिन थोड़े समय के बाद ही नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया। कई राज्यों में पूरानी पेंशन को बहाल करने की मांग उठ रही है। उत्तराखण्ड में भी आंदोलन हुए, तो कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पूरानी पेंशन को बहाल करने का वादा किया है। अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार के कदम से उत्तराखण्ड में भी आश जगी है।