दिल्ली सरकार ने पेश किया रोजग़ार बजटःपांच साल में 20 लाख लोगों को नौकरी देने का रखा गया लक्ष्य

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नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली सरकार अपने हर वायदे को समय के अनुसार पूरा कर रही है और दिल्ली सरकार ने कहा कि आगे भी जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे है। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपए का बजट पेश किया और इसे रोजगार बजट का नाम दिया, जिसमें अगले पांच साल में 20 लाख लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले सात साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक लाख 78 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है जबकि उससे पहले की सरकार ने ज़ीरो नौकरियां दी थी। इस साल का बजट ‘रोजगार बजट’ है। उन्होंने कि 2022-23 के लिए दिल्ली का बजट 75 हजार 800 करोड़ का है। यह 2014-15 के 30,940 करोड़ रुपए के बजट का ढाई गुना है। इस बजट में 6154 करोड़ रुपए स्थानीय निकायों के लिए देने का प्रस्ताव है। उन्होंने कि पिछले साल उनकी सरकार ने देशभक्ति बजट पेश किया था। इस बार का हमारा बजट रोजगार बजट है। इसमें सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में दिल्ली के लोगों को 20 लाख नौकरियां देने का है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पेश किया जा रहा यह आठवां बजट है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आए सात बजट से दिल्ली के स्कूलों दशा अच्छी हुई है, राजधानी के लोगों को बिजली मिल रही है, लोगों के ज़ीरो बिजली का बिल आ रहे है, मेट्रो का विस्तार हुआ है, सुविधा फेस लेस हुई हैं, अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली के रिटेल मार्केट को बढ़ावा देने के लिए सरकार दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल शुरू करेगी। देश विदेश के ग्राहकों को दिल्ली में बुलाकर शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राजधानी में शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे। छोटे-छोटे स्थानीय बाजारों को ग्राहकों से जोडऩे के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल शुरू करेंगे। गाांधीनगर स्थित एशिया के सबसे बड़े वस्त्र व्यापार केंद्र को दिल्ली गारमेंट हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। इसके अलावा दिल्ली सरकार स्टार्टअप पॉलिसी लेकर आ रही है जिसके तहत नौकरी मांगने के लिए तैयार आबादी को नौकरी देने वाली आबादी में बदलना है। दिल्ली में एक नया इलेक्ट्रानिक शहर बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भी आयोजन करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया विकास और पुनर्विकास करना है। दिल्ली में क्लाउड किचन को स्थापित करना है और नियमित करना है। दिल्ली में ही व्हीकल सोलर एनर्जी, अर्बन फार्मिंग जैसी योजनाओं के प्रमोशन से ग्रीन टेक्नोलॉजी के लिए ग्रीन जॉब पैदा किए जाएंगे। दिल्ली फिल्म पॉलिसी के जरिए आर्ट और कल्चर से जुड़े कलाकार के लिए रोजगार के नए अवसर स्थापित करेंगे। रोजगार ढूंढने और रोजगार देने वालों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए रोजगार बाजार 2.0 लाएंगे। हमारा उद्देश्य कर संग्रह नहीं बल्कि रोजगार सृजन (जॉब क्रिएट) करना है।
वर्तमान में दिल्ली के रिटेल बाजारों में करीब तीन लाख 50 हज़ार दुकानें हैं। यह दुकानें करीब सात लाख 50 हज़ार लोगों को रोजगार देती हैं। सरकार स्थानीय मार्केट एसोसिएशन और दुकानदारों के साथ मिलकर बाजारों को विकसित करेगी। पहले चरण में पांच बाजारों के साथ शुरुआत की जाएगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और इससे पांच साल के अंदर डेढ़ लाख नई नौकरियां सृजित हो सकती हैं। दिल्ली सरकार ने जो बजट पेश किया है उसे रोजगार बजट का नाम दिया है जिसमें अगले पांच साल में 20 लाख लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है।

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