देहरादून। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस बिजली कटौती, महंगाई, अवैध खनन सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर रही। बेतहाशा बढ़ती महंगाई के खिलाफ कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया। महंगाई के मुद्दे पर सरकार के जबाव से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करने लगे। विधायकों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों को कम करने, टैक्स में कटौती करने, गरीबों को निशुल्क रसोई गैस उपलब्ध कराने की मांग की। विपक्ष की ओर से वेल में 10 मिनट तक जोरदार हंगामा और नारेबाजी के बाद विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। बुधवार को भोजनावकाश के बाद सदन में कांग्रेस विधायकों ने नियम 310 के तहत महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि महंगाई की वजह से आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार एक हाथ से थोड़ा बहुत दे रही है और दोनों हाथों से लोगों को लूट रही है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ दिनों से पेट्रोल, डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है। उन्होंने सरकार से कीमतों को नियंत्रित करने की मांग की। कांग्रेस विधायक यशपाल आर्य ने भी सरकार पर महंगाई से आम लोगों की कमर तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महंगाई की वजह से आम लोगों के लिए घर चालाना मुश्किल हो गया है। विपक्ष के सभी विधायकों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। कांग्रेस विधायकों के आरोपों के जबाव में खाद्य आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने विपक्ष के सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रही है। रेखा आर्य के जबाव से कांग्रेस विधायक असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने इस मामले में चर्चा की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी मांग को अग्राह्य कर दिया। इस पर कांग्रेस के सभी विधायक वेल में आ गए और उन्होंने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हरिद्वार के विधायकों ने बिजली कटौती के साथ ही बिल भुगतान न करने पर किसानों का कनेक्शन काटे जाने के खिलाफ सदन में आवाज उठाई। भोजनावकाश से ठीक पहले बसपा विधायकों ने हरिद्वार में अवैध खनन का मुद्दा जोर शोर से उठाया। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद और सरबत करीम ने इस पर नियम-58 के तहत चर्चा कराने की मांग उठाई। दोनों विधायक काफी देर तक अपनी सीट पर खड़े होकर अपनी मांग पर जोर देते रहे, जब अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति नहीं दी तो दोनों विधायकों वेल मंे आकर नारेबाजी की।