बेसहारा का सहारा बनी खाकी,
बुजुर्ग तीर्थयात्री का दाह संस्कार कर निभाया मानवता का धर्म
उत्तरकाशी। उत्तराखण्ड पुलिस को यूंही नही मित्र पुलिस कहा जाता है, बल्कि यह मुकाम पुलिस के जवानों ने अपने मानवीय पहलू को अपनाते हुये हासिल किया है, चाहे कोविड काल, चारधाम यात्रा हो या अन्य कोई भी मुसीबत भरा समय हो, उत्तराखण्ड पुलिस के जवान हर समय जरुरमंद लोगों की सहायता के लिए अग्रसर रहे हैं, ऐसा ही एक वाक्य उत्तरकाशी में सामने आया है, जब पुलिस के जवानों द्वारा मानवता का धर्म निभाते हुये पश्चिम बंगाल, हावड़ा के एक 75 वर्षीय श्रद्धालु की अचानक मृत्यु होने पर उनका कोई वारिस न होने पर अंतिम संस्कार कर उनकी पत्नी को सांत्वना दी गई।
दरअसल बीते 23 अप्रैल को पश्चिम बंगाल हावड़ा बेलूरमठ से अपनी पत्नी श्रीमती कल्पना (68 वर्ष) एवं परिचित दीपिका समोई के साथ चारधाम यात्रा पर आये 75 वर्षीय बुजुर्ग श्रद्धालु प्रदीप कुमार गंगोत्री धाम के मुख्य पडाव उत्तरकाशी में रुद्रावास आश्रम उजेली मे रुके थे, अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई, उनकी पत्नी एवं साथ आयी महिला काफी परेशान थे मदद की गुहार लगा रहे थे,जानकारी मिलते ही प्रभारी निरीक्षक कोतवाली पुलिस टीम के साथ तुरन्त मौके पर पहुंचे तथा उनकी पत्नी को सांत्वना दी गई, उनकी पत्नी द्वारा बताया गया कि हमारा कोई वारिस/संतान नही है तथा मृत शरीर को वापस पश्चिम बंगाल ले जाने मे भी असमर्थ है।
वारिस/संतान न होने पर पुलिस द्वारा मानवता धर्म निभाते हुये सभी कागजी कार्यवाही करने के उपरान्त कल दिनांक 25.04.2023 को केदारघाट उत्तरकाशी पर हिन्दु रीति रिवाज से उनका अन्तिम/दाह संस्कार किया गया। महिला श्रद्धालु द्वारा आंसू बहाकर पुलिस के जवानों का कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया गया। मौके पर मौजूद लोगों द्वारा भी इस मानवीय कार्य के लिए उत्तरकाशी पुलिस की सरहाना की गई।