गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति
एक सामाजिक संगठन और अराजनैतिक संगठन है और रहेगा भी।
फिर भी अभी तक संगठन में पदाधिकारियों पर कुछ पाबंदी थीं।
जैसे कि पदाधिकारी अपनी जाती विषेश या पार्टी विशेष की गतिविधियों में शामिल नहीं होगा।
इन पाबंदियों पर विचार किया गया तो प्रतीत हुआ कि धीरे धीरे धीरे हमारा पदाधिकारी अपनी जाती विशेष या पार्टी विशेष से दूरी होती चली गई और धीरे धीरे अलग थलग पडने लगा और समाजिक होते हुए भी अपने नीजी समाज से दूरी बनती चली गई।
उन्होंने कहा यूनियन हित के लिए संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों से सलाह मसवरा कर इस निर्णय पर पहुंचे कि संगठन की बैठक या पंचायत में या वाटसपग्रुप पर तो हम अपनी निजी विचार धारा से दूरी बनाकर रहेंगे। परंतु लोकतांत्रिक व्यवस्था को देखते हुए संगठन की मीटिंग और वाटसप ग्रुप को छोड़कर हर पदाधिकारी को अपनी अपनी निजी लाईफ जीने की स्वतंत्रता रहेगी ओर उसकी स्वतंत्रता को कोई भी पदाधिकारी अन्यथा नहीं लेगा और उससे प्यार में तो अलग बात है परंतु वास्तविकता में एक दूसरे से बहसों में उलझेंगे नहीं क्योंकि संगठन में हम संगठन की विचारधारा से और एक परिवार के होते हुए हर प्रकार से सुख दुःख में एक रहेंगे जैसे पहले से रहते चले आ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा संगठन में मत भेद रहते हुए मन भेद एक दूसरे से नहीं करेंगे।
इससे हमारे पदाधिकारी को समाज में जाने का मौका भी मिलेगा और अधिक से अधिक संगठन का प्रचार प्रसार भी होगा जो जिस सभा में जाए या मंच पर जाए अधिक से अधिक भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति का नाम ले सकता है पहचान छुपाने या डरने की आवश्यकता नहीं है। परन्तु इतनी पाबंदी होगी कि बाहर का झगड़ा अपने संगठन के भीतर न आये। संगठन में आकर सभी एक दूसरे से अपने परिवार की तरह ही रहेंगे। लेकिन लोकतांत्रिक आज़ादी सभी को रहेगी जब हमारा पदाधिकारी अपनी बिरादरी या पार्टी में हिस्से दारी लेगा तो वहाँ उसका कद बढेगा और एक दिन उसका लाभ संगठन को बढाने में भी मिल सकता है ज्यादा भी नहीं तो थोड़ा बहुत तो अवश्य। इसलिए यह कदम भी संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए उठाया गया और संगठन हित में ही प्रयोग किया जाए उसका मिसयूज न किया जाए किसी को यह भी एहसास न हो कि यह आपस में एक नहीं या बिखरे हुए हैं यह सब आपके विवेक के ऊपर निर्भर है।