
पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में पाकिस्तान से तार जुड़े हैं. इसके बाद सरकार ने आतंकी देश के खिलाफ सख्त एक्शन लिया
Pahalgam attack: India suspends Indus Waters Treaty, seals Wagah-Attari border, cancels visas for Pakistanis
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब पाकिस्तान को दिया जाने लगा है. बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को प्रधानमंत्री आवास पर हुई सीसीएस बैठक में कई निर्णय लिए गए, जिनमें सिंधु जल समझौते पर रोक और पाकिस्तानियों को वीजा देना बंद करने जैसे फैसले शामिल हैं.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि बैठक के दौरान सीसीएस ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और सीमा पार संबंधों के मुद्दे पर बातचीत की गई. उन्होंने कहा, “बैठक में कई निर्णय लिए गए, जिसमें भारत जल संधि स्थगित कर दी गई है. अटारी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. पाकिस्तान के नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें वीजा भी नहीं मिलेगा. जो भी पाकिस्तानी भारत में हैं उनके पास वापस जाने के लिए 48 घंटे का समय है.”
पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए, सीसीएस ने ये निर्णय लिए-
1. 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन नहीं छोड़ देता.
2. चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. जिन लोगों ने वैध समर्थन के साथ पार किया है, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.
3. सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाता है. वर्तमान में एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं.
4. नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है. उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या में कमी की गई. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह नई दिल्ली में अपने राजनयिक उपस्थिति को घटाकर 30 कर्मचारियों तक सीमित कर दे. वर्तमान क्षमता 55 हो जाएगी.
5. भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे.
बैठक में और क्या हुआ?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आगे कहा, “सीसीएस ने सभी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया. इसने संकल्प लिया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा, जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है.”