ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन, फेफड़ों और किडनी में था गंभीर संक्रमण

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Pope Francis dies at 88 after long battle with respiratory illness
Pope Francis dies at 88 after long battle with respiratory illness

कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली।

Pope Francis dies at 88 after long battle with respiratory illness

कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोउनका निधन वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित उनके निवास स्थान पर हुआ।

कार्डिनल केविन फेरेल, वेटिकन कैमरलेन्गो ने कहा, “सोमवार सुबह 7:35 बजे, रोम के बिशप फ्रांसिस पिता के घर लौट आए। उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था।’ उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस ने हमें मूल्यों, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ जीना सिखाया, खासकर सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर पड़े लोगों के लिए।

वह 88 वर्ष के थे और अपने 12 साल के पोप कार्यकाल में वह कई बीमारियों से पीड़ित रहे।फ्रांसिस, पुरानी फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। युवावस्था में उनके एक फेफड़े का हिस्सा निकाल दिया गया था। उन्हें 14 फरवरी, 2025 को सांस की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो बाद में डबल निमोनिया में बदल गया। उन्होंने वहां 38 दिन बिताए।

रविवार को पोप फ्रांसिस ने ईस्टर संडे के अपने संबोधन में विचार की स्वतंत्रता और सहिष्णुता का आह्वान किया।

बेसिलिका की बालकनी से 35,000 से अधिक लोगों की भीड़ को ईस्टर की शुभकामनाएं देने के बाद, फ्रांसिस ने अपने पारंपरिक “उर्बी एट ओर्बी” (“शहर और दुनिया के लिए”) आशीर्वाद को पढ़ने का काम एक सहयोगी को सौंप दिया।

उन्होंने भाषण में कहा , “धर्म की स्वतंत्रता, विचार की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दूसरों के विचारों के प्रति सम्मान के बिना शांति नहीं हो सकती है।” उन्होंने “चिंताजनक” यहूदी-विरोध और गाजा में ‘नाटकीय और निंदनीय’ स्थिति की भी निंदा की।

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