
जम्मू-कश्मीर: रामबन जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि के बाद भूस्खलन के कारण कई इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
Five feared dead as cloudbursts, landslides damage property, highways in Jammu and Kashmir
जम्मू-कश्मीर का रामबान जिला इस समय एक बड़ी प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। यहां लगातार हो रही तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है और कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बारिश के साथ-साथ हो रहे भूस्खलन ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है, जिससे लोग डरे हुए और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़
रविवार तड़के रामबन के एक गांव में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई। राहत टीमों की मदद से 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश की वजह से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी से बनिहाल के बीच करीब 12 जगहों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुई हैं। इसकी वजह से हाईवे पर ट्रैफिक रोकना पड़ा है। रामबन जिले के सेरी बागना गांव में बादल फटने की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो सगे भाई आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब भी शामिल हैं।
बाढ़ से करीब 40 घरों को नुकसान
जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश से दो दिनों में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा मामले में रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की जान चली गई, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस हादसे में एक और महिला घायल हो गई। रामबन जिले के धरम कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ से करीब 40 घरों को नुकसान पहुंचा है। लगातार बारिश और बादल फटने के बावजूद पुलिस मौके पर पहुंची और 100 से ज्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित बचा लिया।
बाढ़ के कारण कई गाड़ियां पानी में बह गईं
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण कई गाड़ियां पानी में बह गईं। वहीं, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी से बनिहाल के बीच कई जगहों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की वजह से सड़क पूरी तरह बंद कर दी गई है। यातायात विभाग ने लोगों से अपील की है कि जब तक मौसम ठीक न हो और सड़कें साफ न हो जाएं तब तक यात्रा न करें।
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया
भारी बारिश की वजह से कई घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को हो रही है, जो इस स्थिति में सबसे ज्यादा खतरे में हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाका इस काम में बड़ी बाधा बन रहे हैं