DEHRADUN: उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के नए आदेशों से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। डीजीपी के नए आदेश अनुसार पुलिस द्वारा दबिश, गुमशुदा की बरामदगी आदि के लिए पीड़ित पक्ष से किसी भी प्रकार की मांग करने पर संबंधित पुलिस कर्मी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं
अक्सर ऐसी शिकायतें आई है कि विवेचना से संबंधित अभियोग में अभियुक्त की गिरफ्तारी/गुमशुदा की बरामदगी के लिए पुलिस टीम को गैर जनपद अथवा अन्य राज्यों में दबिश/तलाश हेतु वाहन की आवश्यकता पड़ती है। कई बार देखने में आया है कि पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार से ही वाहन की व्यवस्था करवाये जाने हेतु अथवा वाहन में तेल डलवाने हेतु या टीम के रहने खाने की व्यवस्था के सम्बन्ध में कहा जा रहा है।
इस प्रकार के विभिन्न कार्यों हेतु प्रत्येक थाने में ’’थाना विविध निधि’’ के अन्तर्गत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी जाती है, उसके बावजूद भी इस प्रकार की शिकायतें प्रकाश में आ रही है, जो कि घोर निन्दनीय व आपत्तिजनक है और किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है।
डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा कि किसी घटना या अपराध के घटित होने पर पीड़ित अथवा आमजनमानस की पुलिस के प्रति यह अपेक्षा होती है कि पुलिस जनता के साथ मधुर व्यवहार के साथ-साथ उसकी समस्या अथवा उसके साथ घटित घटना पर न्यायोचित तरीके से विधिक कार्यवाही अमल में लायें और उसे न्याय मिल सके। यदि हम हर निर्णय पीड़ित को केंद्र में रखकर लें, तो निःसंदेह हमारी पुलिस व्यवस्था अच्छी बनेगी और पीड़ित का पुलिस पर विश्वास बना रहेगा। समय-समय पर पुलिस मुख्यालय से इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी होते रहते हैं, इसके बावजूद भी कतिपय मामलों में ऐसी शिकायतें प्रकाश में आ रही हैं, जो अत्यन्त आपत्तिजनक और बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। जो भी पुलिसकर्मी ड्यूटी में ढिलाई बरतेगा उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। DGP उत्तराखंड द्वारा अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए हैं इस तरह के मामले संज्ञान में आने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आदेश का शक्ति से पालन करवाया जाए