मुंबई। भारत में 80 और 90 के दशक में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले मशहूर सिंगर और कंपोजर बप्पी लाहिड़ी का निधन हो गया है । वह 69 वर्ष के थे। उन्होंने मुंबई स्थित जुहू क्रिटी केयर अस्पताल आखिरी सांस ली। उनके निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर दौर गई है। बप्पी लाहिड़ी जिनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था। उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल में हुआ था। इनके पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी तथा मां का नाम बन्सारी लाहिड़ी था।
Shri Bappi Lahiri Ji’s music was all encompassing, beautifully expressing diverse emotions. People across generations could relate to his works. His lively nature will be missed by everyone. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/fLjjrTZ8Jq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
प्रसिद्ध संगीतकार एवं गायक बप्पी लहरी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। यह निश्चित रूप से संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। pic.twitter.com/ii9GrAXlBX
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 16, 2022
मशहूर संगीतकार और गायक श्री बप्पी लहरी जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। बप्पी लहरी जी का संगीत सर्वांगीण था, विविध भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता था। उनका जीवंत स्वभाव सभी को याद होगा… pic.twitter.com/lyrC9mh7Yy
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 16, 2022
अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने बताया कि लाहिड़ी को एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को उनके घर बुलाया। उन्हें फिर अस्पताल लाया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
प्यार कभी कम नहीं करनाःबप्पी लाहिड़ी
बांद्रा की गलियों में विजय का नाम सबको आज भी पता है। पूरा नाम विजय बेनेडिक्ट। चर्च में वह तब भी गाते थे, जब बप्पी लाहिड़ी ने उनकी आवाज सुनी और उनको फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मिथुन चक्रवर्ती की आवाज बना दिया। बप्पी लाहिड़ी के संगीतबद्ध किए गाने ‘आई एम ए डिस्को डांसर’ ने ही मिथुन को हिंदी सिनेमा का सुपरस्टार बनाया। बप्पी लाहिड़ी यारों के यार इंसान रहे। एक बार किसी ने मदद कर दी तो उसका एहसान ताउम्र याद रखते। कहते, ‘किशोर मामा ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया।’ ‘नन्हा शिकारी’ उनकी पहली हिंदी फिल्म थी बतौर संगीतकार।
Extremely saddened, unfortunate demise of veteran singer, composer, #BappiLahiri ji. He was an icon in music industry who had his own unique style with an unending enthusiasm, we will miss you. #RestInPeace pic.twitter.com/gDt5k8eOBv
— Pankajsinghdhami (@pankajsdhami) February 16, 2022
किशोर कुमार के अलावा आशा भोसले और मुकेश ने भी इसमें गाने गाए। फिल्म ‘जख्मी’ में किशोर कुमार और आशा भोसले का गाया गाना ‘जलता है जिया मेरा भीगी भीगी रातें में’ का जिक्र उनकी बातों में आ ही जाता। गीतकारों गौहर कानपुरी और एस एच बिहारी से उनकी खूब पटती। लेकिन, फिल्मी दुनिया में वह लता मंगेशकर को एक तरह से पूजते थे। कहते, ‘उनको कोई क्या संगीत बताएगा। उनको ईश्वर से मिला वरदान है। उसकी कुछ छीटें भी मिल जाए तो जीवन धन्य है।वह कहते, ‘मैं खुद को उस्ताद के रूप में स्थापित नहीं करना चाहता। शागिर्द बने रहने में ही संगीत का असली सुख है। मैं तो बस अपने प्रशंसकों से यही कहता हूं, ‘प्यार कभी कम नहीं करना, कोई सितम…’।