देहरादून।जनपद रूद्रप्रयाग एवं नैनीताल के जिला अस्पतालों को संयुक्त रूप से वर्ष 2021 के लिये उत्तम चिकित्सालय के कायाकल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रदेश की कुल 94 चिकित्सा ईकाईयों को अलग-अलग श्रेणियों में कायाकल्प सम्मान के लिए चयनित किया गया, जिनमें से 18 ऐसी चिकित्सा इकाईयों को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एक लाख से अधिक का पुरस्कार का चैक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। जिन्हें समारोह में आमंत्रित किया गया था। बाकी चिकित्सा इकाइयों को जनपद स्पतर पर सीएमओ पुरस्कार व प्रमाण पत्र देंगे। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हुये राजकीय जिला अस्पतालों को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करना होगा। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने रविवार को देहरादून में एक निजी होटल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेशभर की चयनित 94 चिकित्सा इकाईयों में से आमंत्रित 18 इकाईयों को अलग-अलग श्रेणी में कायाकल्प सम्मान से पुरस्कृत किया।
जिला अस्पताल रूद्रप्रयाग एवं बीडी पाण्डे जिला चिकित्सालय नैनीताल को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। जिसमें दोनों चिकित्सालयों को रूपये 25-25 लाख के चैक व प्रमाण पत्र दिये गये। इसी प्रकार उप जिला चिकित्सालय रूड़की को अपनी श्रेणी में प्रथम तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धौलादेवी एवं गरमपानी को द्वितीय स्थान के लिए सम्मानित किया गया। जिसमें इन चिकित्सालयों को रूपये 15 लाख व रूपये 5-5 लाख के चैक प्रदान किये गये। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साहिया को बेस्ट ईको फ्रेन्डली श्रेणी में प्रथम आने पर रूपये 6 लाख का चैक देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विधायक राजपुर खजान दास, सचिव स्वास्थ्य राधिका झा, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, अपर निदेशक मीतू शाह, सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में कायाकल्प कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस पहल के बाद सूबे में मातृ-शिशु मृत्युदर में कमी आने के साथ ही रोगियों के अस्पताल में रहने की अवधि तथा अस्पताल से उत्पन्न संक्रमण की दर में कमी आई। यही नहीं इस कार्यक्रम से प्रदेश के अस्पतालों के मध्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हुई जिसका लाभ यहां आने वाले मरीजों को मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी दो वर्ष के भीतर राज्य के सभी राजकीय चिकित्सालय नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करेंगे। प्रथम चरण में जिला एवं उप जिला अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने के लिए मानकों को पूरा करने को कहा गया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक खजान दास ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पैरामेडिकल एवं टेक्निशियनों की आवश्यकतानुसार तैनाती की जानी चाहिए, ताकि मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं सुलभ हो सके। सचिव स्वास्थ्य राधिका झा ने कहा कि कायाकल्प जागरूकता के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य एवं जिला स्तर पर नियममित प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि स्वास्थ्य कार्मिकों के मध्य सकारात्मक व्यवहार स्थापित किया जा सके। उन्होंने अस्पतालों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ ही मरीजों की बेहत्तर देखभाल करने पर बल दिया। स्वास्थ्य सचिव ने जन औषधि केन्द्रों को और बेहत्तर ढंग से संचालित करने, दवाओं का पर्याप्त भण्डारण रखने के लिये मुख्य चिकित्साधिकारियों को स्वयं निगरानी करने को कहा।