यात्रियों की संख्या कम करने को लिए निर्णय
देहरादून। उत्तराखंड चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में ही सरकार की सारी व्यवस्थाओं ने दम तोड़ दिया है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा में बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या ने सरकार के पसीने निकाल दिए है। भारी संख्या में तीर्थयात्रियों को संभाल पाना सरकार और प्रशासन के बूते से बाहर हो गया है। ऐसा हम नहीं कर रहे है, बल्कि इसकी तस्दीक खुद पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज कर रहे हैं। दुबई से लौटने से बाद उन्होंने उत्तराखंड चारधाम यात्रा का जो हाल देखा, उसके बाद उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। जिसके यही मायने निकाले जाए तो धामी सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर सरेंडर कर दिया है।
जमीनी हकीकत से दूर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री वैसे तो दुबई तक में जाकर खुद चारधाम यात्रा पर आने के लिए लोगों को निमंत्रण देकर आए हैं। लेकिन जैसे ही वे दुबई दौरे से उत्तराखंड पहुंचे तो स्थिति देख उनके भी हाथपांव फूल गए और उन्होंने चरमराती व्यवस्थाओं के बीच हथियार डालने शुरू कर दिए हैं। सतपाल महाराज ने खुद कहा है कि वे चारधाम यात्रा को धीमी करने जा रहे हैं। इस बारे में उन्होंने खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात भी की है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज करीब एक हफ्ते बाद हाल ही में दुबई दौरे से लौटे है। इसके बाद उन्होंने चारधाम यात्रा की तैयारियों पर खड़े हो रहे सवालों के बीच अधिकारियों के साथ बैठक की और पूरे मामले की जानकारी ली। अधिकारियों से उन्होंने क्या बातचीत की, इसको लेकर तो कुछ भी साफ नहीं हो पाया है, लेकिन इतना जरूर सामने आया है कि चारधाम यात्रा के संचालन में सरकार, शासन और प्रशासन के पीसने छूट रहे हैं। चारधाम में न तो यात्रियों के रहने के कोई खास इंतजाम हो पाए और न ही अन्य व्यवस्थाएं सरकार जुटा पाई है। हालात इतने खराब है कि केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भी जाम लग रहा है। पैदल मार्गों पर तीर्थयात्रियों को चलना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय व्यापारियों ने लूट मचा रखी है। 20 से 25 रूपए में मिलने वाली पानी की बोतल 100 से बिक रही है।