अफगानिस्तानः 5.9 तीव्रता के भूकंप के तेज़ झटकों से दहला हिंदुकुश क्षेत्र

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Afghanistan's Hindukush Hit By 5.9 Magnitude Earthquake
Afghanistan’s Hindukush Hit By 5.9 Magnitude Earthquake

हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां जटिल टेक्टोनिक संरचना के कारण भूकंप बार-बार आते हैं। अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच टकराव वाले क्षेत्र में है, जो इसे भूकंप के लिए संवेदनशील बनाता है।

Afghanistan’s Hindukush Hit By 5.9 Magnitude Earthquake

अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में बुधवार सुबह भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई। एनसीएस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बुधवार तड़के स्थानीय समयानुसार 4:43 बजे अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई है। भूकंप का केंद्र 35.83 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 70.60 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 75 किलोमीटर की गहराई पर था।”

अभी तक किसी के हताहत होने या इमारतों को नुकसान की कोई तत्काल खबर नहीं है, लेकिन अधिकारी और मानवीय एजेंसियां स्थिति पर करीब से नजर रख रही हैं। हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला (जो उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान में फैली है) यह अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां जटिल टेक्टोनिक संरचना के कारण भूकंप बार-बार आते हैं। अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच टकराव वाले क्षेत्र में स्थित है, जो इसे विशेष रूप से भूकंपीय गतिविधि के लिए संवेदनशील बनाता है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (यूएनओसीएचए) ने देश की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता को दोहराया और कहा कि बार-बार आने वाले भूकंप उन समुदायों को असमान रूप से प्रभावित करते हैं, जो पहले से ही दशकों के संघर्ष और पुराने अविकास से कमजोर हो चुके हैं। रेड क्रॉस के अनुसार, अफगानिस्तान में विशेष रूप से हिंदुकुश जैसे भूगर्भीय रूप से अस्थिर क्षेत्रों में हर साल शक्तिशाली भूकंप आते हैं।

पश्चिमी प्रांत हेरात भी एक महत्वपूर्ण फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जो देश के भूकंपीय जोखिम को और बढ़ाता है। अक्टूबर 2023 में, 6.3 तीव्रता सहित कई शक्तिशाली भूकंपों ने पश्चिमी अफगानिस्तान, विशेष रूप से हेरात को तबाह कर दिया था, जिसमें 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग विस्थापित हुए थे। उस त्रासदी ने क्षेत्र में आपदा प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत करने और दीर्घकालिक लचीलापन योजना की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया था।

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