उत्तरकाशी के सपूत अवधेश नौटियाल ने यूथ पार्लियामेंट 2025 में बढ़ाया उत्तराखंड का मान
नई दिल्ली । उत्तरकाशी जनपद के युवा अवधेश नौटियाल ने दिल्ली स्थित संसद भवन में आयोजित यूथ पार्लियामेंट 2025 में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर प्रदेश और विशेष रूप से अपने जिले का गौरव बढ़ाया है। ओम छात्र संगठन से जुड़े सक्रिय सदस्य अवधेश ने इस राष्ट्रीय मंच पर अपने प्रभावशाली विचारों से सभी को गहराई से प्रभावित किया।
उनका भाषण साहसिक, स्पष्ट और जनहितकारी था, जिसमें उन्होंने युवाओं की समस्याओं के साथ-साथ उत्तराखंड के सामयिक मुद्दों को भी गंभीरता से उठाया। शिक्षा, स्वरोजगार, पलायन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर उनके विचारों में न केवल तार्किकता थी, बल्कि समाधान की स्पष्ट दिशा भी दिखाई दी।
इसके साथ ही, अवधेश ने अपने भाषण में संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को भी उद्धृत किया। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने हमेशा यह सिखाया कि भारतीय संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज है, बल्कि यह हमारे समाज के समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के मूल्यों का प्रतीक है। संविधान ने हमें वह अधिकार और स्वतंत्रता दी है, जो समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए आवश्यक हैं। अंबेडकर जी के सिद्धांतों का पालन कर हम अपने समाज को सशक्त बना सकते हैं, और यही हमारा दायित्व है।”
अवधेश का यह उद्धरण न केवल संविधान के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को गंभीरता से समझते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संविधान के निर्माता की दिशा और दर्शन को समझना और उसका पालन करना, युवाओं की जिम्मेदारी बनती है।
यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि सीमांत क्षेत्रों से आने वाली प्रतिभाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत है। अवधेश ने यह प्रमाणित किया कि समर्पण, परिश्रम और सामाजिक विषयों की समझ के साथ कोई भी युवा राष्ट्रीय मंचों तक पहुंच सकता है।
अवधेश की इस सफलता पर ओम छात्र संगठन सहित जनपदवासियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग इस उपलब्धि को गर्व का विषय मान रहे हैं। अवधेश की यह उपलब्धि आने वाली युवा पीढ़ियों को नेतृत्व, जागरूकता और सामाजिक उत्तरदायित्व की प्रेरणा देती रहेगी।
अपने भाषण के अंत में अवधेश नौटियाल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के अमर वचनों का उल्लेख किया, “सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी लेकिन यह देश रहना चाहिए, इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।” इस उद्धरण के ज़रिए उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रहित राजनीति से ऊपर है, और युवाओं को विचारधारा से परे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में भागीदार बनना चाहिए।
ओम छात्र संगठन की भूमिका भी इस उपलब्धि में उल्लेखनीय रही है, जिसने अवधेश को वैचारिक आधार और मंच पर आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने की दिशा प्रदान की। अवधेश की यह यात्रा अभी प्रारंभिक चरण में है, और भविष्य में उनसे समाजहित में और भी रचनात्मक कार्यों की आशा की जा रही है।