CM आदित्यनाथ ने नया आदेश, उप्र के सभी सरकारी दफ्तरों को गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट से रंगा जाएगा

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up cm Adityanath has directed the use of cow dung paint in government buildings
up cm Adityanath has directed the use of cow dung paint in government buildings

उप्र के CM आदित्यनाथ ने रविवार को पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस मीटिंग में अधिकारियों को सीएम ने कई अहम निर्देश दिए. सीएम ने इस दौरान कहा, गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल सरकारी भवनों में भी किया जाए और इन पेंट प्लांट की संख्या भी बढ़ाई जाए.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने रविवार को कहा कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल सरकारी भवनों में भी किया जाए. मुख्यमंत्री ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए. उन्होंने जहां एक तरफ कहा कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल सरकारी भवनों में भी किया जाए वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा कि इन पेंट संयंत्र की संख्या भी बढ़ाई जाए.

सीएम योगी ने कहा, पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है. यह क्षेत्र सिर्फ दुग्ध उत्पादन (Milk Products) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि तकनीक, निवेश और इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए.

यूपी में कितने गो आश्रय?

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं, जिनकी निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है और समय-समय पर इंस्पेक्शन भी किया जा रहा है. सीएम ने निर्देश दिए कि इन आश्रय स्थलों में देखभाल के लिए कर्मचारी की तैनाती, उन्हें समय से वेतन भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना, पानी, हरे चारे और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए

सीएम ने कहा, आश्रय स्थलों में समय-समय पर पशु डॉक्टरों का दौरा भी कराया जाए. जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गाय उपलब्ध कराई जाए. इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य हासिल होगा, वहीं दूसरी तरफ दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा.

सीएम ने मीटिंग में क्या-क्या कहा?

इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जानी चहिए और अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिह्लित कर सम्मानित किया जाए. इसी तरह, गो आधारित उत्पाद बनाने वाली संस्थाओं के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित की जाए.

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 40,968.29 हेक्टेयर चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है, जिसमें से 12,168.78 हेक्टेयर भूमि को हरे चारे के प्रोडक्शन के लिए समर्पित किया गया है.

उन्होंने कहा, यह पहल ग्रामीण रोजगार भी पैदा कर रही है, जिसमें महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से शामिल हैंच. कुल 21,884 गोसेवकों को प्रशिक्षित और तैनात किया गया है. बरेली में, इफ्को के सहयोग से बड़े गो संरक्षण केंद्रों पर जैविक खाद और गोमूत्र प्रसंस्करण संयंत्रों (Cow Urine Processing Plants) की स्थापना प्रगति पर है. अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4,922 सहकारी दुग्ध समितियों की स्थापना का लक्ष्य है.

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